कोलकाता, 10 जुलाई
करीबन तीन सौ वर्ष से भी पहले अंग्रेजों ने कलकत्ता शहर की बुनियाद रखी थी, जो आज दुनिया भर में अपने बदले हुए कोलकाता के नाम से परिचित है। इस शहर में देश के सभी राज्य के लोग रहते हैं। सभी धर्म, जाति व वर्ग के लोग दशकों से इस शहर में घुल-मिल कर रहते आ रहे हैं, लेकिन शायद कुछ लोगों को यह जान कर हैरत होगी कि कोलकाता में एक मिनी यूरोप बसता है। शहर का एक ऐसा इलाका, जहां यूरोप के विभिन्न देशों के लोग बड़ी संख्या में नजर आते हैं और इस जगह का नाम है सदर स्ट्रीट।
विदेशी पर्यटकों को भारत की यह सांस्कृतिक राजधानी काफी पसंद है, इसलिए प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी कोलकाता का रुख करते हैं। यूं तो दुनिया के लगभग सभी देश के पर्यटक कोलकाता आते हैं, लेकिन इनमें ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, डेनमार्क समेत यूरोपिय देशों के पर्यटकों की संख्या अधिक होती है। अंग्रेजों को तो यूं भी इस शहर से काफी लगाव है। 1947 में भारत से अपना बोरिया-बिस्तर लपेट लेने के बावजूद उनका खुद द्वारा बसाए गए इस शहर से प्यार कम नहीं हुआ है।
सदर स्ट्रीट का इतिहास ढाई सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है। कहते हैं कि कभी यहां एक सदर अदालत थी, जिसके नाम पर इस इलाके का नाम सदर स्ट्रीट पड़ा। मिर्जा गालिब स्ट्रीट स्थित दमकल केंद्र से लेकर चौरंगी स्ट्रीट स्थित इंडियन म्यूजियम (जादूघर) तक फैले इस छोटे से इलाके में फैले सदर स्ट्रीट में जिधर भी नजर दौड़ाएं, आपको छोटे-छोटे होटल व रेस्तरां ही मिलेंगे, जो पूरी तरह विदेशी पर्यटकों से भरे पड़े रहते हैं।
यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों को सदर स्ट्रीट में उस समय की झलक मिलती है, जब इस देश पर अंग्रेजों की हुकुमत थी, लेकिन सबसे बड़ा आकर्षण जो इन्हें यहां खींच लाता है, वह है यहां के सस्ते होटल व रेस्तरां। इलाके में स्थित कैफे के मालिक राजेंद्र पाल कहते हैं कि यहां होटल के कमरे का किराया और खाना-पीना इतना सस्ता है कि भारत तो छोड़िए दुनिया के किसी भी देश में इतना सस्ता नहीं मिलेगा।
सदर स्ट्रीट के हर कोने में ऐसे कैफे मिल जाएंगे, जो यूरोपीय डिश पेश करते हैं। यहां बड़ी संख्या में ट्रैवल एजंट कई तरह के आॅफर लिए घूमते हुए मिल जाएंगे। कई बीयर बार हैं, जहां विशेष रुप से फैमली सेक्शन बनाया गया है। अब तो यहां कुछ लक्जरी होटल भी बन गए हैं, लेकिन अभी भी यहां छोटे-छोटे होटलों की ही भरमार है, जिन्हें अगर सरायखाना भी कहा जाए तो गलत न होगा।
सदर स्ट्रीट केवल यूरोपियई लोगों का ही पसंदीदा इलाका नहीं है, बल्कि कोरियाई पर्यटकों की भी बड़ी संख्या में यहां दिखाई देती है। चायवाले से लेकर ठेले वाले तक सायानारा कहते हुए उनका स्वागत करते हैं। यहां के चायवालों को ब्रिटिश अंदाज में अंग्रेजी बोलते हुए देख काफी लोग हैरत में पड़ जाते हैं। यहां के ठेले वाले कोरियाई नागरिकों से उन्हीं की भाषा में बात करते हैं। हद तो यह है कि विदेशी पर्यटकों से भीख मांग कर गुजर-बुसर करने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी फर्राटे से अंग्रेजी बोलते हुए दिखाई देते हैं।
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