Friday, July 14, 2017

सोशल मीडिया प्यार-मोहब्बत के बजाए लोगों में घोल रहा है जहर!


दिल्ली में एक भाजपा नेत्री ने गुजरात दंगों की तस्वीर को बसीरहाट से जोड़ कर दिखाया तो बंगाल में एक भाजपा नेता को इसी तरह की खबर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कहीं, भोजपुरी फिल्म के बलात्कार के दृश्य तो कहीं बांग्लादेश की सड़कों पर हो रही हिंसा की तस्वीर को बंगाल पर थोप कर ममता बनर्जी सरकार पर तुष्टीकरण के  अपने आरोप को साबित करने के आरोप में हालांकि भाजपा नेताओं की खासी किरकिरी हो रही है। इसके पहले भी रामनवमी पर सशस्त्र जुलूस निकालने पर राज्य में सांप्रदायिकता फैला कर ध्रुवीकरण की कोशिश को लोगों ने नाकाम कर दिया था। आगामी 13 अगस्त एक निगम और छह नगरपालिकाओं में चुनाव होने वाला है। इसके पहले सोशल मीडिया का दुरूपयोग करते हुए लोगों को भरमाने का काम बसीरहाट से जोर पकड़ चुका है। 
सोशल मीडिया फेसबुक के जरिए सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की लपटें सोशल मीडिया के जरिए ही जोर पकड़ी थी। बीते साल दुर्गापूजा और मोहर्रम के मौके पर उत्तर चौबीस परगना के हाजीनगर और हावड़ा के धूलागढ़ व खड़गपुर समेत राज्य में दर्जनों जगहों पर कहीं ज्यादा तो कहीं कम सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं घटी थी। राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को किसी तरह का आघात नहीं लगने देने के उद्देश्य से स्थानीय समाचार पत्र व टीवी ने इस तरह की घटनाओं को प्रकाश में लाने से परहेज किया। स्थानीय परंपरागत मीडिया में अगर थोड़ी बहुत खबरें आई भी तो उसमें संतुलन बना रहा, लेकिन सोशल मीडिया ने सांप्रदायिक हिंसा को फैलाने में आगे में घी का काम किया। 
दुर्गापूजा के समय देखते-देखते दर्जनों क्षेत्र सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ गए। एक समुदाय विशेष को घर जलाने से लेकर धार्मिक स्थलों को को नुकसान पहुंचाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई। सांप्रदायिक आग फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर पोस्ट करनेवालों को इतने से संतोष नहीं हुआ। वे इसका वीडियो दिल्ली में नेशनल मीडिया और बड़े टीवी चैनलों तक भेजने से नहीं चुके। राष्ट्रीय स्तर के कुछ टीवी चैनलों ने बंगाल की सांप्रदायिक हिंसा पर विस्तृत खबरें प्रसारित की। रामनवमी के मौके पर भी बंगाल में कुछ जगहों पर जो सांप्रदायिक तनाव बना, उसमें सोशल मीडिया की भूमिका थी। इस बार सोशल मीडिया पर एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने वाली पोस्ट डाली गई और देखते-देखते बादुरिया और बशीरहाट के आस-पास के क्षेत्रों में हिंसा भड़क गई। हालांकि पुलिस ने सोशल मीडिया पर इस तरह के आपत्तिजनक पोस्ट करनेवाले युवक सौभिक सरकार को गिरफ्तार कर लिया। गुस्साए लोग अभियुक्त को अपने कब्जे में लेना चाहते थे और इसी को लेकर पुलिस के साथ उनका संघर्ष हुआ। घटनास्थल पर ही पुलिस की 15 गाड़ियां फूंक दी गई। देखते-देखते बादुरया, बशीरहाट, स्वरूपनगर, हाड़ोया, देगंगा, हिंगलगंज और हासनाबाद हिंसा की चपेट में आ गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने बशीरहाट और बनगांव के विस्तृत क्षेत्रों में इंटरनेट और वाईफाइ सेवा बंद कर दिया है।

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