Wednesday, July 19, 2017

गायब 40 हजार रुपए ब्याज समेत बैंक को लौटाने का निर्देश







कोलकाता,  
एटीएम से रुपए निकालने के दौरान ऐसा तो कभी न कभी हर व्यक्ति के साथ होता है कि एटीएम से रुपए नहीं निकल रहे हैं। इसके बजाए एक पर्ची निकलती है, जिस पर लिखा होता है कि सारी, अनेबल टू प्रोसेस। इसके बाद ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है कि बगैर निकाले उनके खाते से रुपए निकल जाते हैं। कुछ लोगों की ओर से शिकायत करने पर तो कुछ लोगों को वैसे ही रकम डेबिट के बाद क्रेडिट कर दी जाती है। जबकि कुछ लोगों को रकम वापस नहीं मिलती। 
केंद्र के कैबिनेट सेक्रेटिएट के सहायक आयुक्त दीपक चक्रवर्ती के साथ भी वैसी ही एक घटना घटी। दार्जीलिंग के एक एटीएम से 10 हजार रुपए निकालने के लिए गए थे। दो बार कोशिश की , लेकिन रुपए नहीं निकले। हालांकि कुछ ही देर बाद एटीएम से मिनी स्टेटमैंट निकाल कर उन्होंने देखा कि उस समय दोनों बार उनके बैंक खाते से 20-20 हजार रुपए करके 40 हजार रुपए निकाले गए हैं। इस बारे में कई बार बैंक से रकम वापस करनेके लिए गुहार की गई, लेकिन बैंक वालों ने उनका आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद क्रेता सुरक्षा अदालत में उन्होंने मामला दर्ज किया। जिला क्रेता सुरक्षा अदालत के बाद राज्य अदालत की ओर से भी बैंक की दलील खारिज कर दी गई। क्रेता सुरक्षा अदालत के प्रिसाइडिंग सदस्य श्यामल गुप्त की बेंच ने नौ फीसद ब्याज की दर से 40 हजार रुपए लौटाने का निर्देश देते हुए अदालती मामले में खर्च के लिए 10 हजार रुपए और देने  के लिए कहा है। 
सूत्रों ने बताया कि बैंक की ओर से बार-बार ग्राहक पर जिम्मेवारी थोपने की कोशिश की गई और कहा ग या कि ग्राहक ने सही तरीके से ट्रांजेक्शन प्रक्रिया रद्द नहीं की थी, जिससे एटीएम में घुस कर दूसरे किसी ने वह रकम ले ली। लेकिन अदालत की ओरसे पूछा गया कि ग्राहक के बाद किसी दूसरे ने रुपए निकाले हैं, इस बारे में कोई सबूत है तो बताएं। बैंक की ओर से इस बारे में किसी तरह की सीसीटीवी फुटेज नहीं पेश की जा सकी। अदालत ने बैंक की अर्जी खारिज करके हुए कहा कि ग्राहक के पैसे बैंक के पास जमा रहते हैं, ग्राहक के बैंक खाते से रुपए गायब होने की जिम्मेवारी को बैंक नकार नहीं सकता। 
मालूम हो कि यह घटना करीब पांच साल पहले की है। दार्जीलिंग के हाकिमपाड़ा पाकुड़तला के एक एटीएम से दीपक रुपए निकालनेके लिए गए थे। एक ही एटीएम से जब दो बार रुपए नहीं निकले, तब दूसरे एटीएम से 10 हजार रुपए निकाले। लेकिन मिनी पर्ची से पता चला है कि पहले भी दो बार 20-20 हजार रुपए निकाले गए हैं। 
अदालत की ओर से पूछा गया कि एक तय समय तक एटीएम में ट्रांजेक्शन बहाल रहता है। ग्राहक की ओर से दो बार कोशिश कि ए जाने पर नाकाम रहने पर दूसरे व्यक्ति के घुसने तक वह ट्रांजेक्शन प्रक्रिया तब तक कैसे चालू थी? पहली बार रुपए निकालने की कोशिश के बाद भी ग्राहक बैंक में ही थे। तब उनके रहते दूसरे व्यक्ति ने कैसे पैसे निकाल लिए? इतना ही नहीं, 10 हजार रुपए निकालने के बदले 20 हजार रुपए कैसे निकल गए? 
साइबर कानून के विशेषज्ञ राजर्षि राय चौधरी का कहना है कि ग्राहक की ओर से 10 हजार रुपए निकालने के लिए एंट्री दाखिल करने पर 20 हजार रुपए निकलना आश्चर्यजनक है। हालांकि उनकी ट्रांजेक्शन प्रक्रिया को क्लोन करके दूरसे पैसे निकाले जा सकते हैं। यह पुलिस जांच का मामला है। बगैर कार्ड के दो बार 20-20 हजार रुपए कैसे निकाले गए, इस बारे में भी बैंक की ओर से अदालत को संतुष्ट नहीं किया जा सका। इसलिए अदालत ने बैंक को ब्याज और अदालती खर्च समेत रकम लौटाने का निर्देश दिया है। 
हालांकि एटीएम से रुपए निकालने के लिए ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए। एटीएम से रुपए निकालने या रुपए नहीं निकलने पर ग्राहक को कैंसेल बटन दबाना चाहिए। एटीएम के पास से हटनेसे पहले यह अच्छी तरह से देख लें कि मशीन पहले की हालत में है या नहीं। यह भी ध्यान रखें कि एटीएम में कोई अपरिचित व्यक्ति मौजूद नहीं हो। अगर रुपए नहीं निकले, तब  पर्ची संभाल रखें। 

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