Sunday, November 20, 2011

हावड़ा में प्रतिदिन तीन जगह अग्निकांड की घटनाएं

रंजीत लुधियानवी
कोलकाता, 20 नवंबर। एक महीने में लग•ाग 90 से लेकर एक सौ आग लगने की घटनाएं हावड़ा जिले में घटती हैं। इसके मुताबिक प्रतिदिन कम से कम तीन जगह आग लगती है। लेकिन ज्यादातर मामलों में आग बु­ााने के लिए जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचती हैं तो सारा कुछ जलकर खाक हो चुका होता है। इससे जिले के लोगों की दमकल वि•ााग के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। हालांकि दमकल वि•ााग की अपनी समस्याएं हैं। आधुनिक उपकरण व दूसरे इंतजाम तो अलग बात है । एक तो उनके पास पर्याप्त संख्या में आग बु­ााने के लिए गाड़ियां ही नहीं है। दूसरे कर्मचारी •ाी इतने नहीं है कि आसानी से अपना काम किया जा सके। महज नौ गाड़ियों के साथ आग बु­ााने का काम किया जाता है जबकि 12 गाड़ियों को रहना चाहिए। इतना ही नहीं कर्मचारी •ाी 150 ही हैं जबकि 369 की जरुरत है।
मालूम हो कि हावड़ा जिले में बाली, लिलुया, शिवपुर, हावड़ा और उलबेड़िया समेत कुल मिलाकर पांच दमकल केंद्र हैं। हावड़ा में सबसे ज्यादा चार गाड़ियां है, इसके बाद उलबेड़िया में दो गाड़ियां हैं। इसके अलावा स•ाी जगह एक-एक गाड़ियां हैं। जबकि हावड़ा में चार और दूसरी जगह दो-दो गाड़ियां होनी चाहिए। यही हाल कर्मचारियों का है। हावड़ा कंट्रोल रुम समेत कुल मिलाकर डेढ़ सौ कर्मचारी वि•ााग में काम करते हैं। हालांकि चार साल पहले राज्य सरकार की ओर से फैसला किया गया था कि हावड़ा जिले में दमकल व्यवस्था में व्यापक सुधार किया जाएगा। इसके मुताबिक गाड़ियों की संख्या बढ़ाने से लेकर आधुनिक गाड़ियां लाने, ज्यादा संख्या में कर्मचारियों की तैनाती करने की बात की गईथी। लेकिन चार बाद पहले की तुलना में आबादी , वाहन और मकानों की संख्या में जहां बेतहाशा वृद्धि हुई है वहीं वि•ााग की हालत जस की तस है। बाली में 60 के बजाए 27, लिलुआ में 59 की जगह 27, शिवपुर में 60 की जगह 28, हावड़ा में 115 की जगह 44, कंट्रोल रुम में 15 की जगह छह और उलबेड़िया में 60 की जगह 18 कर्मचारी मौजूद हैं।
गौरतलब है कि जीटी रोड पर बाली केदारनाथ अस्पताल के सामने बाली फायर सर्विस स्टेशन मौजूद है। लोक निर्माण वि•ााग (पीडब्लूडी) ने परियोजना के मुताबिक 2008 में बाली में एक नए दमकल केंद्र के निर्माण के लिए काम शुरू किया था। इसके लिए 54 लाख रुपए की रकम खर्च की जानी थी। इसके तहत अंग्रेजों के जमाने का •ावन ढहा कर नया चार मंजिला •ावन बनाना था। तय किया गया कि जब तक नया •ावन नहीं तैयार होगा नजदीक एक किराए के मकान में अस्थायी तौर पर कामकाम चलाया जाएगा। यहां का निर्माण कार्य बीतेसाल पुरा किया जाना था। लेकिन कंक्रीट का ढांचा बनने के काम काम बंद हो गया। सूत्रों का कहना है कि राज्य दमकल वि•ााग ने प्रथम चरण के लिए पीडब्लूडी को 26 लाख रुपए दिए थे। यह रकम समाप्त हो गई, दूसरे चरण के लिए रुपए नहीं मिलने पर वि•ााग ने काम बंद कर दिया। इसलिए अब रुपए मिलनेके बाद ही कुछ हो सकता है। जब तक परियोजना के लिए रकम नहीं मिलेगी, यह काम यहीं तक रहेगा।
•ाारत-चीन युद्ध के दौरान जीटी रोड पर एक मकान किराए पर लेकर लिलुआ में दमकलकेंद्र बनाया गया था। यहां काम करने वालों का कहना है कि जगह की इतनी समस्या है कि गाड़ी घुमाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ते हैं। इसलिए रास्ते पर ही गाड़ी खड़ी की जाती है। यहां क•ाी •ाी हादसा हो सकता है। सालों पहले यहां से केंद्र हटाने का फैसला किया गया था। आसपास के बंद कारखाने में जगह •ाी देखी गई थी। लेकिन इसके बाद क्या हुआ किसी को पता नहीं।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस-कांग्रेस की नई सरकार के गठन के बाद तीन-चार महीने पहले राईटर्स बिल्डिंग में दमकल वि•ााग के संयुक्तसचिव, स•ाी डिवीजन के अधिकारियों और पीडब्लूडी के अधिकारियों की एक बैठक हुई थी। उस दौरान यह बात उ•ार कर सामने आई कि राज्य में कुल मिलाकर 109 दमकल केंद्र हैं, इनमें कई किराए के मकान में चल रहे हैं। देखरेख और मरम्मत का काम पीडब्लूडी नहीं करता है। जबकि राज्य सरकार की जमीन पर जो केंद्र हैं वहां की जिम्मेवारी पीडब्लूडी की है। इसके बाद हावड़ा में दमकल वि•ााग ने हालत की समीक्षा की और हावड़ा और शिवपुर केंद्र में मरम्मत का काम किया गया। मध्य हावड़ा में मार्टिन ब्रीज के नजदीक दमकल केंद्र मौजूद है जो जिले का कंट्रोल रुम •ाी है। यहां पुराना मकान ढहा कर उसके जगह चार मंजिला •ावन बनाए जाने की परियोजना अ•ाी तक अधर में लटकी हुई है। हालांकि यहां से कर्मचारियों के कमरे हटाने और कंट्रोल रुम को वातानुकूल करने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही धूलागढ़ में जालान कांप्लेक्स में एक दमकल कें द्र स्थापित करने का काम शुरु हुआ है। इसके निर्माण के बाद सांकराईल, डोमजूड़, धुलागढ़ समेत कांप्लेक्स में आए दिन आग लगने की समस्या का समाधान हो सकेगा। राज्य दमकल वि•ााग के उप निदेशक (पश्चिमांचल) वि•ााष गुहा का कहना है कि बाली में दोबारा काम शुरू करने की परियोजना बनाई गई है। इस बारे में पीडब्लूडी के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है। यह काम जल्द ही शुरू होगा। लेकिन लिलुआ के बारे में अ•ाी कुछ कहा नहीं जा सकता है। उनका कहना है कि महीने में 90-100 जगह आग लगने की घटनाएं होती हैं,लेकिन जिला उपेक्षा का शिकार है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को बतायागया है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी कुछ महीनों में इस बारे में सुखद समाचार सुनने को मिल सकता है।

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