Friday, February 17, 2012

दो मंजिला एसी ट्रेन को नहीं मिल रहे यात्री


 हावड़ा से धनबाद  के बीच रेलवे की ओर से धूमधाम के साथ दो मंजिला ट्रेन शुरू की गई थी, पहली एसी दो मंजिला ट्रेन के बारे में माना जा रहा था कि इसे रेलयात्रियों को भरपूर सहयोग मिलेगी। पहले इसे सुबह धनबाद से चलाया जा रहा था लेकिन बाद में हावड़ा से सुबह ट्रेन चलाई जाने लगी। रेलवे की ओर से तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकां्क्षी योजना के तहत  बड़ी उम्मीद के साथ चलाया था। लेकिन अब वो उम्मीद धुंधली होती दिख नजर आ रही है। इसका कारण यह है कि डबल डेकर की अधिकांश सीटें खाली रहती हैं।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को हावड़ा से धनबाद जा रही डबल डेकर में मात्र 200 यात्री सवार थे। जबकि एक डिब्बे में 128 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। डबल डेकर ट्रेन के कुल सात डिब्बे को मिलाकर 897 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों का कहना है कि डबल डेकर पूरी तरह से एसी होने के कारण ट्रेन का किराया अधिक है। इसके साथ ही ट्रेन का समय भी ठीक नहीं है। जिसके कारण डेली पैसेंजर, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले लोग भी डबल डेकर की अपेक्षा कोलफील्ड व ब्लैक डायमंड ट्रेन में ही सफर करना उचित समझते है। चार माह में तीन प्रयोग किए जाने के बाद भी यात्रियों का रुझान डबल डेकर के प्रति नहीं हो पाया है। धनबाद से हावड़ा के लिए सुबह कोलफील्ड एक्सप्रेस है, जबकि शाम को ब्लैक डायमंड। कोलफील्ड शाम में वापस आती है और ब्लैक डायमंड हावड़ा से सुबह खुलती है। डबल डेकर हावड़ा से सुबह साढ़े आठ बजे खुलती है। धनबाद से शाम साढ़े छह बजे हावड़ा के लिए खुलती है। इन दोनों ट्रेनों की समय सारणी डबल डेकर ट्रेन से मैच करती है। डबल डेकर में जनरल कोच नहीं होने से धनबाद, आसनसोल, रानीगंज, दुर्गापुर आदि क्षेत्रों के डेली पैसेंजर के लिए इसका किराया भी अधिक है। यात्रियों का कहना है कि बैठने के लिहाज से भी डबल डेकर की सीटें आरामदायक नहीं है। वही ब्लैक डायमंड और कोलफील्ड के चेयर कार की सीटें ज्यादा बेहतर है।हालांकि रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि पहले भी ट्रेन के संचालन में फेरबदल किया गया है यात्रियों के सुझाव पर आगे भी विचार किया जा सकता है। लेकिन नित्ययात्रियों के लिए दो मंजिला ट्रेन से दूर रहने  का सबसे बड़ा कारण वातानुकूलित (एसी) होने के कारण किराया ज्यादा होना है।


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