Monday, July 29, 2024

दुर्गा पूजा अनुदान

रकम खर्च करना पूजा कमेटियों के लिए चुनौती 
Ranjit Ludhianwi
 
  किसी के लिए भी एक लाख रुपए खर्च करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन सरकारी एक पैसा भी खर्च करना आसान नहीं। वजह हैै कि इसका हिसाब देना पड़ता है, जिसका भविष्य पर असर भी पड़ सकता हैै। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल राज्य की दुर्गा पूजा कमेटियों को 85-85 हजार रुपए अनुदान देने की घोषणा करने के साथ ही आश्वासन दिया है कि अगले साल यह राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी जायेगी। हालांकि दुर्गा पूजा कमेटी के संयोजक परेशान हैं कि आखिर यह रकम किस मद में और कैसे खर्च करें कि अगली बार पूजा के लिए अनुदान मिल सके। हालांकि 85 हजार रुपए के साथ ही पूजा कमेटी के आयोजकों के लिए फायर लाइसेंस फ्री करने के साथ ही बिजली के बिल में 75 फीसद छूट भी प्रदान की जायेगी।
 दुर्गा  पूजा कमेटियों को अनुदान देने के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यह अनुदान पूजा कमेटियों की जेब भरने के लिए नहीं राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने और लोगों के लिए रोजगार सृजन करने के लिए प्रदान करती हैं। इसलिए सरकारी नियम के मुताबिक, सरकार से मिलने वाली रकम से देवी की मूर्ति से लेकर सौंदर्यीकरण के सामान, पुरोहित को दक्षिणा या ढाकी को मेहनताना नहीं दिया जा सकता है । सरकारी रकम को आम लोगों के लिए खर्च करना होगा, इस बारे में बिल जमा करने होंगे। ऐसा करने पर ही अगले साल अनुदान मिलेगा, ऐसा नहीं करने पर अनुदान नहीं मिलेगा। 
नियमानुसार पुलिस के आसान एप के माध्यम से अनुदान के लिए आवेदन करना होगा। कम से कम 10 साल से जहां पूजा हो रही है, वही आवेदन कर सकते हैं। खर्च का हिसाब पूजा के बाद स्थानीय थानों में जमा करना होगा। राज्य सरकार का कहना है कि यूनेस्को की ओर से दुर्गोत्सव को हेरिटेज का दर्जा प्रदान किया गया है।संविधान की धारा 51 (1) के तहत हेरिटेज की रक्षा का काम देश के प्रत्येक नागरिक का है,इसके मुताबिक राज्य सरकार कमेटियों को मदद प्रदान करती है।दुर्गापूजा के दौरान नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए यह रकम प्रदान की जाती है किसी खास संप्रदाय को  खुश करने के लिए नहीं। इसके तहत वालंटियरों की नियुक्ति से लेकर सेफ ड्राइव सेव लाइव परियोजना के साथ ही पंडाल में आने वाले दर्शनार्थियों की सेवा में रकम खर्च की जा सकती है। जबकि छोटी पूजा का आयोजन किसी तरह 85 हजार में संपन्न हो सकता है। 
एक पूजा कमेटी के संयोजक ने बताया कि कोरोना काल के दौरान तो  सेनेटाइजर, मास्क के लिए रकम खर्च की गई थी,इसलिए बिल बनाने में समस्या नहीं हुई। लेकिन अब कैसे इतने पैसों का बिल बनायेंगे,इसे लेकर चिंता व्याप्त है।हालांकि कई पूजा कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि बिल देने में कोई समस्या नहीं होगी। पुलिस प्रशासन अधिकारी भी मानते हैं कि यह महज औपचारिकता है। दुकानदार भी समझते हैं कि अनुदान के कारण ही उन्हें पूजा में हर साल चंदा देने से मुक्ति मिल गई है,इसलिए बगैर आनाकानी के बिल बना देते हैैं।