Wednesday, May 9, 2012

एक जुलाई को कोलकाता में शुरू होगी डीटीएच सेवा




 अब  खुले बाजार से सेट टॉप बाक्स खरीदा जा सकेगा। ग्राहकों को केबल आपरेटर या मल्टी सिस्टम आपरेटर (एमएसओ) से बाक्स खरीदना बाध्यतामूलक नहीं रह गया है। इस बारे में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार के विरोध के बावजूद आगामी एक जुलाई से कोलकाता में टीवी का डिजीटलाइजेशन चालू हो रहा है। इसके लिए टीवी दर्शकों को या तो डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवा का सहारा लेना होगा नहीं तो  सेट टॉप बाक्स खरीदना पड़ेगा।
लेकिन कोलकाता, हावड़ा के हजारों लोग बाक्स की खरीद के लेकर परेशान हैं। इसका कारण यह है कि 500 रुपए में बिकने वाले बाक्स की कीमत विभिन्न इलाकों में बढ़ते हुए एक हजार तक पहुंच गई है। इस बारे में कोलकाता के एक एमएसओ का कहना है कि 30 जून तक किसी भी एमएसओ के लिए सभी घरों में बाक्स की आपूर्ति संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि उनका निर्माण भारत में नहीं विदेश में होता है। इसलिए जैसे जैसे अंतिम तिथि नजदीक आती जा रही है इसकी कीमतें बढ़ती जा रही हैं। उनका मानना है कि आम लोगों के लिए ही सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि बाजार में मिलने वाले बाक्स की गुणवत्ता की गारंटी कौन लेगा।
मालूम हो कि नई व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार का कहना है कि एमएसओ एक सब्सक्राइबर मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करगा जिससे आर्थिकलेन-देन और ग्राहकों की पसंद का पता चल सके। उनसे बाक्स खरीदने पर ठिकाना बदलने पर उसे वापस दिया जा सकेगा। लेकिन यह ठिकाना उसी एमएसओ के तहत हो तो ट्रांसफर वाउचर से बाक्स बदला जा सकेगा। आपरेटर की सेवा से ग्राहक संतुष्ट नहीं हो तो उसे बाक्स वापस देने का अधिकार होना चाहिए। लोगों की शिकायतों के लिए अलग एक विभाग होना चाहिए।
ट्राई के मुताबिक फ्री टू एयर के 100 चैनल में ग्राहकों को चैनल चुनने की सहूलत होगी। इसके लिए एकसौ रुपए महीने का भुगतान करना होगा। लेकिन पे चैनल लेने पर भी अधिकतम राशि 150 रुपए  होनी चाहिए। इसके लिए कम से कम 200 चैनल दिखाने की क्षमता एमएसओ को होनी चाहिए।
हालांकि अभी समस्यायह है कि खुले बाजार में सेट टाप बाक्स कहां से मिलेगा और उसकी तकनीक एमएसओ से तालमेल बना सकेगी या नहीं। चैनलों का पैकेट क्या होगा और बाक्स केबल आपरेटर से खरीदा जाए तो कीमत क्या होगी। इसे लेकर लोग अभी भी परेशान हैं। हालांकि ग्राहकों का एक बड़ा हिस्सा डीटीएच सुविधाएं ले रहा है क्योंकि इसमें उन्हें ज्यादा विकल्प दिए जा रहे हैं।

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